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Monday, 23 March 2020
Saturday, 21 March 2020
Friday, 20 March 2020
जो दुसरों के लिए गड्डा खोदता है.....!
जो दुसरों के लिए गड्डा खोदता है!
March 20, 2020 • आशीष सेठी • मध्यप्रदेश
नीमच @आशीष सेठी/मालवा आजतक
मप्र की कांग्रेस की कमलनाथ सरकार का आज पतन हो गया है ! कांग्रेस के कार्यकर्ता पन्द्रह साल से सत्ता से दूर रहकर वनवास भोग रहे थे ! वो सत्ता जब मिली तो उसका महज पन्द्रह महीनों में ही हुआ पतन कोई यूं ही नहीं हो गया ! पतन की ये कहानी एक प्राचीन कहावत से जुडती नजर आ रही है ! लोग अक्सर ये कहते सुने जाते है कि जो दूसरों के लिए गड्डा खोदने का काम करते है एक दिन वो भी उसी गढ़े में गिरे पडे नजर आ जाते है ! पर, कमलनाथ सरकार के पतन की इस कहानी से जुडी इस कहावत में थोडा संशोधन हुआ है ! उन्होंने सिंधिया के लिए गड्डा खोदना चाहा था ! वे कह बैठे थे कि उतरना है तो उतर जाये सडको पर ! सडक पर उतरने का श्राप तो चरितार्थ हो ही नहीं पाया उल्टे सिंधिया की राह बुलंदगियों को छुती नजर आयी ! उन्हेंं राज्य सभा भी मिल गयी ओर अब केन्द्रीय मंत्री मंडल में जगह भी मिल जायेगी ! पर, कमलनाथजी जरूर सडक पर आ गये ! सिंधिया को सडक पर उतारने का उनका श्राप उनके ही गले में लटक गया ! कहावत चरितार्थ हो गयी कि जो दुसरों के लिए गड्डा खोदने की कोशिश करता है वो एक दिन उसी गड्डे में गिरा नजर आता है ! ये ही आज देखने को मिला है ! वे फ्लोर टेस्ट का सामना करने से पहले ही राज्यपाल को अपना स्तीफा सोंपने को मजबूर हो गये !
क्या फर्क बना कुमारस्वामी ओर कमलनाथ में
नीमच@आशीष सेठी /मालवा आजतक


कर्नाटक में कुमार स्वामी की ओर मप्र में कमलनाथ सरकार की पटकथा एक जैसी है ! कर्नाटक की कथाकहानी को ही मप्र में दोहराया गया है ! वहां भी कांग्रेस के पन्द्रह विधायकों ने विधानसभा से इस्तीफा दिया था ! तब कुमार स्वामी की सरकार के पतन के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था ! तब भी वहां से फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश हुआ था ! ऐसा ही अब मप्र में हुआ ! पर, थोडा सा फर्क कमलनाथ ओर कुमार स्वामी की कार्यशैली में सामने आया है ! तब कुमार स्वामी ने फ्लोर टेस्ट के लिए विधानसभा में पहुंचकर अपनी सरकार की उपलब्धिया गिनाने का काम किया था ओर मतदान की प्रकिया शुरू होती उसके पहले ही वे सदन में इस्तीफे का ऐलान कर बैठे थे ! पर, मप्र में कमलनाथ कुमार स्वामी की तरह ऐसा नहीं कर पाये ! उन्होंने अपनी सरकार की उपलिब्धयां गिनाने के लिए पत्रकारवार्ता को माध्यम बनाया ओर विधानसभा पहुंचकर फ्लोर टेस्ट कराने की प्रकिया से ही किनारा कर बैठे !
कर्नाटक में कुमार स्वामी की ओर मप्र में कमलनाथ सरकार की पटकथा एक जैसी है ! कर्नाटक की कथाकहानी को ही मप्र में दोहराया गया है ! वहां भी कांग्रेस के पन्द्रह विधायकों ने विधानसभा से इस्तीफा दिया था ! तब कुमार स्वामी की सरकार के पतन के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था ! तब भी वहां से फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश हुआ था ! ऐसा ही अब मप्र में हुआ ! पर, थोडा सा फर्क कमलनाथ ओर कुमार स्वामी की कार्यशैली में सामने आया है ! तब कुमार स्वामी ने फ्लोर टेस्ट के लिए विधानसभा में पहुंचकर अपनी सरकार की उपलब्धिया गिनाने का काम किया था ओर मतदान की प्रकिया शुरू होती उसके पहले ही वे सदन में इस्तीफे का ऐलान कर बैठे थे ! पर, मप्र में कमलनाथ कुमार स्वामी की तरह ऐसा नहीं कर पाये ! उन्होंने अपनी सरकार की उपलिब्धयां गिनाने के लिए पत्रकारवार्ता को माध्यम बनाया ओर विधानसभा पहुंचकर फ्लोर टेस्ट कराने की प्रकिया से ही किनारा कर बैठे !
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