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Friday, 3 April 2020
Thursday, 2 April 2020
Wednesday, 1 April 2020
Tuesday, 31 March 2020
Sunday, 29 March 2020
देवी काली करेंगी आपकी कोरोना से रक्षा, जानिए कैसे
नीमच @मालवा आजतक
कोरोना के चलते देश में जो स्थिति बनी हुई है उसके देखते हुए हर कोई भगवान से इसे ठीक करने के लिए प्रार्थना कर रहा है। तो वहीं लोग साफ़-सफ़ाई का भी ध्यान रख रहे हैं। कहने का अर्थ है कि संपूण भारत देश इससे एकजुट होकर लड़ रहा है। इसी बीच हम आपको मां काली से जुड़े ऐसे उपाय बताने जा रहे हैं जिन्हें करने से इस महामारी से पूरे देश को छुटकारा मिल सकता है। शिव पुराण की मानें तो जब भी किसी व्यक्ति पर या देश पर महामारी जैसा कोई संकट आ जाए तो ऐसे में महाकाली की आराधना करना चाहिए। तो अगर आप भी जानने के इच्छुक हैं कि वो कौन से उपाय हैं जिन्हें करने से आपको और पूरी दुनिया को कोरोना जैसी महामारी से छुटकारा मिल सकता है तो आगे दी गई जानकारी को ज़रूर पढ़े। क्योंकि ये उपाय बहुत ही सरल मगर असरदार माने जा रहे हैं। बता दें ज्योतिष और कई अनया धार्मिक शास्त्रों में इन उपायों का उल्लेख पढ़ने को मिलता है-
सबसे पहला उपाय
किस भी तरही की बीमारी से निजात पाने के लिए, फिर ताहे वो बीमारी कोरोना जैसी महामारी ही क्यों न हो, सुबह सूर्योदय के सम य उठकर स्नान आदि करके निम्न बताए गए काली बीज मंत्रका जाप करें। ध्यान रहें इस मंत्र का जाप लगातार रात 8 बजे तक करें। सथ ही साथ इस बात का भी खासा ख्याल रखें कि इसका जाप करने के लि स्फटिक की माला का ही चयन करें।
काली माता का बीज मंत्र-
।। ॐ क्रीं क्रीं क्रीं हलीं ह्रीं खं स्फोटय क्रीं क्रीं क्रीं फट।।
दूसरा उपाय
जैसे कि आप जानते हैं इस समय देश दुनिया कोरोना जैसी महामारी का सामना करना रहा हैं। ऐसे में इसस छुटकारा पाने के लिए नवरात्रों कि दिन में प्रातः सूर्योदय के बाद 21 नींबू लें और एक काले धागे में इन्हें पिरोकर एक माला बना लें। अब इस माला को देवी काली पर अर्पित कर दें, माला चढ़ाते हुए कोरोना से मुक्ति की प्रार्थना करें।
इसके बाद मां काली की तस्वीर पर लाल गुलाब के फूल चढ़ाकर इन पर लाल गुलाब की माला भी ज़रूर अर्पित करें।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां काली तो कनेर के फूल अति प्रिय है। इसलिए इस चैत्र नवरात्रि में मां की पूजा आराधना के बाद इन्हें लाल कनेर के फूल ज़रूर चढ़ाएं। तथा गुड़ का भोग भी लगाएं। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से गंभीर से गंभीर बीमारी का खात्मा हो जाता है।
Saturday, 21 March 2020
Friday, 20 March 2020
जो दुसरों के लिए गड्डा खोदता है.....!
जो दुसरों के लिए गड्डा खोदता है!
March 20, 2020 • आशीष सेठी • मध्यप्रदेश
नीमच @आशीष सेठी/मालवा आजतक
मप्र की कांग्रेस की कमलनाथ सरकार का आज पतन हो गया है ! कांग्रेस के कार्यकर्ता पन्द्रह साल से सत्ता से दूर रहकर वनवास भोग रहे थे ! वो सत्ता जब मिली तो उसका महज पन्द्रह महीनों में ही हुआ पतन कोई यूं ही नहीं हो गया ! पतन की ये कहानी एक प्राचीन कहावत से जुडती नजर आ रही है ! लोग अक्सर ये कहते सुने जाते है कि जो दूसरों के लिए गड्डा खोदने का काम करते है एक दिन वो भी उसी गढ़े में गिरे पडे नजर आ जाते है ! पर, कमलनाथ सरकार के पतन की इस कहानी से जुडी इस कहावत में थोडा संशोधन हुआ है ! उन्होंने सिंधिया के लिए गड्डा खोदना चाहा था ! वे कह बैठे थे कि उतरना है तो उतर जाये सडको पर ! सडक पर उतरने का श्राप तो चरितार्थ हो ही नहीं पाया उल्टे सिंधिया की राह बुलंदगियों को छुती नजर आयी ! उन्हेंं राज्य सभा भी मिल गयी ओर अब केन्द्रीय मंत्री मंडल में जगह भी मिल जायेगी ! पर, कमलनाथजी जरूर सडक पर आ गये ! सिंधिया को सडक पर उतारने का उनका श्राप उनके ही गले में लटक गया ! कहावत चरितार्थ हो गयी कि जो दुसरों के लिए गड्डा खोदने की कोशिश करता है वो एक दिन उसी गड्डे में गिरा नजर आता है ! ये ही आज देखने को मिला है ! वे फ्लोर टेस्ट का सामना करने से पहले ही राज्यपाल को अपना स्तीफा सोंपने को मजबूर हो गये !
क्या फर्क बना कुमारस्वामी ओर कमलनाथ में
नीमच@आशीष सेठी /मालवा आजतक


कर्नाटक में कुमार स्वामी की ओर मप्र में कमलनाथ सरकार की पटकथा एक जैसी है ! कर्नाटक की कथाकहानी को ही मप्र में दोहराया गया है ! वहां भी कांग्रेस के पन्द्रह विधायकों ने विधानसभा से इस्तीफा दिया था ! तब कुमार स्वामी की सरकार के पतन के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था ! तब भी वहां से फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश हुआ था ! ऐसा ही अब मप्र में हुआ ! पर, थोडा सा फर्क कमलनाथ ओर कुमार स्वामी की कार्यशैली में सामने आया है ! तब कुमार स्वामी ने फ्लोर टेस्ट के लिए विधानसभा में पहुंचकर अपनी सरकार की उपलब्धिया गिनाने का काम किया था ओर मतदान की प्रकिया शुरू होती उसके पहले ही वे सदन में इस्तीफे का ऐलान कर बैठे थे ! पर, मप्र में कमलनाथ कुमार स्वामी की तरह ऐसा नहीं कर पाये ! उन्होंने अपनी सरकार की उपलिब्धयां गिनाने के लिए पत्रकारवार्ता को माध्यम बनाया ओर विधानसभा पहुंचकर फ्लोर टेस्ट कराने की प्रकिया से ही किनारा कर बैठे !
कर्नाटक में कुमार स्वामी की ओर मप्र में कमलनाथ सरकार की पटकथा एक जैसी है ! कर्नाटक की कथाकहानी को ही मप्र में दोहराया गया है ! वहां भी कांग्रेस के पन्द्रह विधायकों ने विधानसभा से इस्तीफा दिया था ! तब कुमार स्वामी की सरकार के पतन के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था ! तब भी वहां से फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश हुआ था ! ऐसा ही अब मप्र में हुआ ! पर, थोडा सा फर्क कमलनाथ ओर कुमार स्वामी की कार्यशैली में सामने आया है ! तब कुमार स्वामी ने फ्लोर टेस्ट के लिए विधानसभा में पहुंचकर अपनी सरकार की उपलब्धिया गिनाने का काम किया था ओर मतदान की प्रकिया शुरू होती उसके पहले ही वे सदन में इस्तीफे का ऐलान कर बैठे थे ! पर, मप्र में कमलनाथ कुमार स्वामी की तरह ऐसा नहीं कर पाये ! उन्होंने अपनी सरकार की उपलिब्धयां गिनाने के लिए पत्रकारवार्ता को माध्यम बनाया ओर विधानसभा पहुंचकर फ्लोर टेस्ट कराने की प्रकिया से ही किनारा कर बैठे !
Thursday, 19 March 2020
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