जो दुसरों के लिए गड्डा खोदता है!
March 20, 2020 • आशीष सेठी • मध्यप्रदेश
नीमच @आशीष सेठी/मालवा आजतक
मप्र की कांग्रेस की कमलनाथ सरकार का आज पतन हो गया है ! कांग्रेस के कार्यकर्ता पन्द्रह साल से सत्ता से दूर रहकर वनवास भोग रहे थे ! वो सत्ता जब मिली तो उसका महज पन्द्रह महीनों में ही हुआ पतन कोई यूं ही नहीं हो गया ! पतन की ये कहानी एक प्राचीन कहावत से जुडती नजर आ रही है ! लोग अक्सर ये कहते सुने जाते है कि जो दूसरों के लिए गड्डा खोदने का काम करते है एक दिन वो भी उसी गढ़े में गिरे पडे नजर आ जाते है ! पर, कमलनाथ सरकार के पतन की इस कहानी से जुडी इस कहावत में थोडा संशोधन हुआ है ! उन्होंने सिंधिया के लिए गड्डा खोदना चाहा था ! वे कह बैठे थे कि उतरना है तो उतर जाये सडको पर ! सडक पर उतरने का श्राप तो चरितार्थ हो ही नहीं पाया उल्टे सिंधिया की राह बुलंदगियों को छुती नजर आयी ! उन्हेंं राज्य सभा भी मिल गयी ओर अब केन्द्रीय मंत्री मंडल में जगह भी मिल जायेगी ! पर, कमलनाथजी जरूर सडक पर आ गये ! सिंधिया को सडक पर उतारने का उनका श्राप उनके ही गले में लटक गया ! कहावत चरितार्थ हो गयी कि जो दुसरों के लिए गड्डा खोदने की कोशिश करता है वो एक दिन उसी गड्डे में गिरा नजर आता है ! ये ही आज देखने को मिला है ! वे फ्लोर टेस्ट का सामना करने से पहले ही राज्यपाल को अपना स्तीफा सोंपने को मजबूर हो गये !
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