Monday, 24 August 2020

राजस्थान कृषि उपज मण्डी (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2020 ध्वनिमत से पारित पढ़िए खबर

जयपुर, 24 अगस्त@मालवा आजतक नीमच
राजस्थान विधानसभा ने सोमवार को राजस्थान कृषि उपज मण्डी (द्वितीय संशोधन)  विधेयक,  2020 को ध्वनिमत से पारित कर दिया।
इससे पहले संसदीय मंत्री श्री शांति कुमार धारीवाल ने विधेयक को सदन में प्रस्तुत किया। इसके बाद विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों पर प्रकाश डालते हुए श्री धारीवाल ने बताया कि व्यापारी राज्य के मण्डी क्षेत्र में अन्य राज्यों से अधिसूचित कृषि उपज लाते हैं किन्तु वे मण्डी फीस इस आधार पर संदत्त नहीं करते है कि संव्यवहार राज्य के बाहर किया गया था। राजस्थान कृषि उपज मण्डी अधिनियम, 1961 (1961 का अधिनियम सं. 38) में इसके संबंध में कोई स्पष्ट उपबंध नहीं हैं, यद्यपि व्यापारियों द्वारा अन्य राज्यों से लायी गयी ऎसी उपज पर मण्डी फीस संदेय है क्योंकि क्रय की प्रक्रिया राज्य के भीतर पूरी की जाती है। इसलिए व्यापारियों द्वारा अन्य राज्यों से राज्य के मण्डी क्षेत्र में लायी गयी अधिसूचित कृषि उपज पर मण्डी फीस का संदाय सुनिश्चित करने के लिए राजस्थान कृषि उपज मण्डी (संशोधन) विधेयक, 2020 लाया गया है।
इससे पहले सदन ने विधेयक को जनमत जानने के लिए प्रचारित करने के प्रस्ताव को ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया।

24 AUGUST 2020-ALL--MALWAAAJTAK @MALWAAAJTAK

Sunday, 23 August 2020

कांग्रेस में बड़ा बदलाव चाहते हैं पांच पूर्व सीएम सहित 23 पार्टी नेता, सोनिया को लिखा खत! पढ़िए खबर

 नईदिल्ली@मालवा आजतक नीमच
देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस में युवा नेताओं के बागी तेवरों के बीच पार्टी में बदलाव की मांग तेज हो गई है। पार्टी के 23 वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखा है जिसमें ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग की गई है। यह खत पांच पूर्व मुख्यमंत्रियों, कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य, सांसद और एक दर्जन से अधिक पूर्व केंद्रीय मंत्रियों ने लिखा है।

इसी बीच सोमवार सुबह 11 बजे सीडब्ल्यूसी की बैठक होनी है। माना जा रहा है कि इसमें कई नेता अपने विचार व्यक्त करेंगे। सूत्रों का कहना है कि प्रमुख संगठनात्मक फेरबदल की योजना बनाई जा रही है। ऐसे में कांग्रेस के नेताओं, खासतौर से वरिष्ठों के लिए अपनी आलोचना को बंद करवाना मुश्किल होगा। पत्र को कई लोग नेहरू-गांधी परिवार के लिए एक बड़े झटके के तौर पर देख रहे हैं जो समकालीन कांग्रेस के इतिहास में एक असामान्य कदम है।

पार्टी नेतृत्व के लिए खत लिखने वाले लोगों की चिंताओं को नजरअंदाज करना मुश्किल होगा क्योंकि उनका राजनीतिक कद और ओहदा बड़ा है। पत्र में जताई गई आशंकाएं पहले से अलग हैं। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार पत्र में लिखा है कि भाजपा लगातार आगे बढ़ रही है, पिछले चुनावों में युवाओं ने नरेंद्र मोदी को वोट दिए। बताया जा रहा है कि लगभग 15 दिन पहले भेजे गए खत में बदलाव का ऐसा एजेंडा दिया गया है जिसकी बातें मौजूदा नेतृत्व को चुभ सकती हैं।

इस समय पार्टी कमजोर है। उसकी लोकप्रियता और चुनावी प्रदर्शन जगजाहिर है। कांग्रेस समर्थकों के बीच भी एक व्यापक धारणा है कि पार्टी भटक गई है और नेतृत्व सिद्धांतविहीन हो गया है। यह पत्र तब लिखा गया था, जब राजस्थान में सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच तनाव चल रहा था। बहुत से नेता नेतृत्व के सामने अपनी आवाज उठा सकते हैं जिससे कि गांधी परिवार पर दबाव पड़ना लाजिमी है।

इसके अलावा पार्टी के कई नेताओं को लगता है कि राहुल गांधी के लगातार ट्वीट्स जो ध्यान आकर्षित कर रहे हैं और जिनपर सत्तारूढ़ भाजपा पलटवार कर रही है उन्हें पार्टी में किसी से चर्चा किए बिना किया गया। उनका मानना है कि चीनी आक्रमण जैसे मुद्दों पर किए गए ट्वीट्स अपरिपक्व हैं। वहीं कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी का एक साल का कार्यकाल इसी महीने पूरा हो रहा है और पार्टी का एक गुट राहुल को दोबारा अध्यक्ष बनाना चाहता है।

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