Saturday, 28 March 2020

विपदा के इस समय में किराना व्यापारी भी निभा रहें है अपना राष्ट्रधर्म

जान जोखिम में डालकर घर - घर सामान पहंचा रहें
कुछ समाज के दुश्मन इनकों लगे है बदनाम करने में 

कोई व्यापारी कालाबाजारी करता है तो इसकी जानकारी एसोसिएशन को देंवे - श्री धींग 


मंदसौर@मालवा आजतक 

 पूरे विश्व और भारत के साथ मंदसौरवासी भी कोरोना से लड़ाई लड़ रहे है। शहर पूरी तरह से लाॅकडाउन है, प्रशासन द्वारा आवश्यक सामग्रीयों की पूर्ति करवाई जा रही है। विपदा तो कई आई लेकिन यह महामारी एक बहुत बड़ी समस्या बनकर सामने आई है। जिसका प्राथमिक ईलाज अभी तक यही है कि लोग घरों में ही रहें बाहर न निकलें। ऐसे में नगर के किराना व्यपारी भी पहली बार राष्ट्रसेवा में अपनी आहूति दे रहे है। जानलेवा बीमारी की बरावाह किए बगैर किराना व्यापारी आज लोगों की सेवा मेें लगे है। आज तक दुनिया में कोई भी विपदा आई हो मेडिकल, मीडिया, प्रशासन के साथ  किराना व्यापारियों ने भी देश सेवा का मौका नहीं गंवाया है। कोरोना से लड़ाई में भी किराना व्यापारी भरपूर  कर रहे है और अपने धर्म को किराना व्यापारी बखूबी निभा भी रहे है। लेकिन कुछ कतिपय लोग इन्हें बदनाम करने में भी लगे है। 


आज विपदा के इस समय किराना व्यापारी सुबह जल्दी उठकर दुकान खोल रहे है, पुलिस के डंडे भी खा रहे है। घर पहुंच सेवा भी दे रहे है। राष्ट्रधर्म निभा रहे है। कलेक्टर मनोज पुष्प द्वारा किराना ऐसासिएशन की बैठक में यह तय किया गया था कि वे किराना सामान की घर पहंुच सेवा देगे और आने जाने वालों के पास बना देंगे। लेकिन प्रशासन द्वारा कोई पास नहीं बनायें गये फिर भी पुलिसिया खौफ के बीच किराना व्यापारी व उनके सहयोगी अपना धर्म निभा रहे है।

कपूर के भाव को लेकर किया बदनाम 
शुक्रवार को नगर के एक व्यक्ति ने जनकुपूरा क्षेत्र की किराना दुकान को सोशल मीडिया पर बदनाम करने की कोशिश की। पोस्ट में लिखा गया कि व्यापारी द्वारा मुनाफखोरी व कालाबाजारी की जा रही है। उक्त व्यक्ति का कहना था कि मुझे 200 ग्राम कपूर 200 रूपये का दिया गया। जब दुकानदार से पूछा गया तो उनका कहना था कि कपूर के 100 ग्राम पाउच पर एमआरपी 120 रूपये हैं मैंने तो और उक्त व्यक्ति से 100 रूपये ही लिए है। मुझे सिर्फ बदनाम किया जा रहा है। इस संबंध में अन्य व्यापारियों का भी कहना था कि कपूर के भाव कई महीनों से 1000 से 1050 रूपये प्रति किलो के आस पास ही चले रहे है। ऐसा नहीं है कि अभी भाव बढ़ाये गये है। लेकिन किराना व्यापारियों को बदनाम करने के उद्येश्य से भी कुछ लोग काम रहे है। 


सोशल मीडिया पर चल रही लिस्ट भी फर्जी - श्री धींग 
किराना व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष शरद धींग ने बताया कि कुछ लोगों द्वारा किराना व्यापारियों को बदनाम किया जा रहा है। हां मैं मानता हूं कि कुछ व्यापारी हो सकते है लेकिन सब ऐसे नहीं है। आजादी के बाद पहली बार ऐसी समस्या आई है किराना व्यापारियों को अपना राष्ट्रधर्म निभाने का मौका मिला है जिसे सभी बखूबी निभा रहे है। आज हमारे सामने लेबर की समस्या है क्योंकि 80 प्रतिशत लेबर ग्रामीण क्षेत्रों से आती है जो इन दिनों नहीं आ पा रही है ऐसी विषम परिस्थितियों में भी किराना व्यापारी काम कर रहा है। फिर भी कुछ लोग अपने पुरानी रंजिश या निजी स्वार्थ के चलते किराना व्यापारियों को बदनाम कर रहे है। श्री धींग ने बताया कि सोशल मीडिया पर भी एक भावों की सूची वायरल हो रही है जो भी पूर्णतः गलत है उसमें जो भाव दर्शाए गए है वहीं दिवाली से लेकर अभी तक नहीं रहे। श्री धींग ने बताया कि कपूर का भी 100 ग्राम पाउस का खुदरा मूल्य 120 रूपये ही है। जनकुपूरा के व्यापारी द्वारा सही दाम लिए गए है और फिर भी कोई व्यापरी गलत भाव लेता है या कालाबाजारी करता है जो उसकी सूचना तुरंत किराना एसोसिएशन को देवे हमारे नम्बर सार्वजनिक हो चुके है। प्रशासन से पहले ऐसे व्यापारी को हम ब्लैक लिस्टेड करेंगे लेकिन ऐसे सोशल मीडिया पर किसी को बदनाम करना उचित नहीं है। 


श्री धींग ने बताया कि प्रमुख थोक विक्रेताओ से किराना वस्तुओ के उचित मूल्य पर विक्रय करने के लिए आवश्यक नियम पर सहमति प्रदान की है। थोक विक्रेता अपना व्यापार निर्माताओ के विक्रय मूल्य में टेक्स व  खर्च व कम से कम मुनाफे पर  रिटेल वालो को इस निर्देश के साथ देंगे कि उचित मूल्य पर माल विक्रय करे। यदि रिटेलर ज्यादा मुनाफा लेता है तो उसे माल नही देंगे व एसोसिएशन ऐसे व्यापारी को ब्लेक लिस्टेड कर देगा।

कोरोना से सर्वाधिक प्रभावी किराना व्यापारी ही 
आज कोरोना से डाॅक्टरों व नर्सो के बाद सर्वाधिक यदि कोई जंग लड़ रहा है तो वे है किराना व्यापारी। ताजा अध्ययन में यह बात सामने आई है कि कोरोना से मरने वाले ज्यादातर लोग किराना या दूध व्यापारी ही थे। स्वास्थ्य विभाग, पुलिस और सामान्य प्रशासन, मेडिकल, मीडिया के साथ किराना व्यापारी भी अपनी जान की परवाह किए बगैर अपना धर्म निभा रहे है।
क्या होगा यदि किराना व्यापारी दुकानें बंद कर देगंे तो ?
आज कुछ कतिपय स्वार्थी लोग किराना व्यापारियों पर लांछन लगा रहे है। लेकिन यदि सोचो ये किराना व्यापारी भी यदि अन्य दुकानदारों की तरह दुकानें बंद करके घर बैठ गए तो क्या होगा। आज इन्हीं किराना व्यापारियों की बतौलत मध्यमवर्गीय परिवारों में राशन और जरूरी खाद्य सामानों की आपूर्ति हो पा रही है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आग्रह का पालन हो पा रहा है।  

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