Saturday, 12 September 2020

नई अफीम नीति को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री के साथ बैठक में सांसद ने दिए सुझाव पढ़िए खबर

किसानों की समस्याओं के साथ मांगों के 
अनुसार बैठक में नई नीति के लिए रखें सुझाव

मंदसौर@मालवा आजतक नीमच
आने वाली नई अफीम नीति में अफीम काश्तकारों की मांगों व सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए सांसद सुधीर गुप्ता ने दिल्ली में वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर के साथ हुए बैठक में सुझाव रखें। इस दौरान उन्होंने किसानों की समस्याओं, मांगों के साथ अन्य सुझाव भी अफीम नीति को लेकर रखें। 
अफीम नीति को लेकर सांसद ने यह रखें प्रस्ताव

अफीम लाइसेंस के समय पहली बार २०१७-१८ में कृषकों से ५.९ प्रतिशत मार्फिन औसत पर अपनी अफीम तुलवाए। इन सालों में वजन के आधार पर अफीम तुलवाने का आदेश हुआ। २०१९-२० में ४.० प्रतिशम मार्फिन पर लाइसेंस जारी हुआ। इस साल ३.३ प्रतिशत मार्फिन रखे जाने की मांग की। इस मांग को लेकर उन्हें कई कारण भी वित्त मंत्री के सामने रखें। लगातार अफीम लाइसेंस नीति में सुधार हो रहा है। वर्तमान में किसानों को कृषि खर्चें की तुलना में उत्पादित जिंसों की लागत नहीं निकलती। शासन एमएसपी में वृद्धि कर रही है। लेकिन अफीम क्रय मूल्यों में बढ़ोतरी नहीं हो पा रही है। इसकी बढ़ोतरी करने की मांग की है। मूल्यवृद्धि इस बार करने की मांग की है। 

कृषकों के खेत पर खड़ी फसल चोरी होने या जंगली पशु के नष्ट करने पर कृषक लाइसेंस खो रहा है। इसे भी संज्ञान में ले। अफीम कृषक की मृत्यु के बार वारिस असमंजस्य या विवाद में रहते है। इसका स्थाई समाधान करें। गुणवत्ता का परिणाम लैब से प्राप्त होता है जो नीमच या गाजीपुर में है। टेस्टिंग तोल केंद्र पर भी फायनल रिजल्ट देने की व्यवस्था करें।

 १९९९ से पूर्व के रुके लाइसेंस बहाल हो। इस साल पूर्ववर्ती कटे वर्षों के लाइसेंस पर विचार करते हुए उन्हें बहाल किया जाए। तोल केंद्र पर लिए गए सैंपल पर लिए गए हस्ताक्षर मिलान नहीं होते है। इस पर पारदर्शिता के साथ ही निगरानी भी बढ़ाई जाए। खेती की नपती अफीम की टहनी से की जाए। 

मंदसौर-नीमच जावरा क्षेत्र में पानी की कमी है। इसके लिए इस साल किसानों का लाइसेंस ३० सितंबर के पूर्व जारी किया जाए। जिससे समय पर फसल उगाई  जा सकें। समय पर लगी फसल से मार्फिन औसत की गुणवत्ता बढ़ेगी। अफीम नीति में संशोधन कर २०१७-१८ के एनडीपीएस से दोषमुक्त कृषकों को लाइसेंस बनाया था। उसे २०२०-२१ की नीति का अंग बनाया जाए।

 वर्ष १९९९ से २००३ तक जिन लाइसेंसधारी कृषकों को प्रति हैक्टेयर औसत में कमी करने की जो घोषणा थी उसे बढ़ाकर ५ किलो प्रति हैक्टेयर किया जाए। अफीम किसानों का सामान्य रुप से १० ऑरी का लाइसेंस जारी किया जाए व जो कृषक उच्च गुणवत्तापूर्ण मार्फिन औसत देते है उन्हें अफीम भाव बढ़़ाकर देने के साथ मुखिया बनाने का अवसर दिया जाए। 

एनडीपीएस एक्ट की प्रक्रिया व धाराओं पर पून विचार के लिए एक कमेटी का गणन किया जाए। इसमें डोडाचूरा में उपलब्ध नारकोटिक्स ड्रग की मात्रा कम होने के कारण इसे एनडीपीएस एक्ट की धारा से कम कर इसे आबकारी में शामिल किया जाए। 

जिन किसानों को वर्तमान अफीम लाइसेंस नीति से जोड़ा जा रहा है। उनहें लाइसेंस लेने के लिए अफीम कार्यालय या मुखिया निवास में बुलाया जाए। उन कृषकों के लाइसेंस पहुंचाया जाए। 

जो कृषक स्वेच्छा से अपनी फसल नहीं उगाई ऐसे पूर्ववर्ती कृषकों को इस साल लाइसेंस प्रक्रिया में जोड़ा जाए। 

जो कृषक १३/१४ की भीषण ओलावृष्टि में प्रभावित हुए थे उन्हें भी प्रक्रिया में जोड़ा जाए। खसखस की मांग को ध्यान में रखते हुए लाइसेंस बढ़ाए जाए। नीमच प्लांट में क्षमता वृद्धि प्रस्ताव को मंजूरी दी जाए। 

Monday, 7 September 2020

नगरीय क्षेत्रों में प्रापर्टी की खरीदी-बिक्री पर स्टाम्प ड्यूटी में अब सिर्फ 1 प्रतिशत सेस


◾रियल स्टेट में बूम जरूरी, आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ेंगी
◾2 प्रतिशत की छूट से लोग आसानी से अपना मकान खरीद सकेंगे : मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान
Report@AshiSShSethi
 @ मालवा आजतक नीमच
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में प्रापर्टी की खरीदी-बिक्री पर स्टाम्प ड्यूटी में कमी करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज मंत्रालय में जानकारी दी कि कोविड-19 की वजह से व्यापक पैमाने पर आर्थिक गतिविधियाँ प्रभावित हुई हैं। रियल स्टेट सेक्टर पर भी इसका बड़ा प्रभाव पड़ा जिसके फलस्वरूप प्रापर्टी खरीदने, बेचने के इच्छुक नागरिक भी विपरीत स्थितियों का सामना कर रहे हैं। राज्य सरकार ने प्रापर्टी की खरीदी-बिक्री पर स्टाम्प ड्यूटी पर 3 प्रतिशत के स्थान पर 1 प्रतिशत सेस देने का निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हर व्यक्ति का, परिवार का एक सपना होता है कि उसका अपना एक घर हो, जहां वो अपने परिवार के साथ सुख से रह सके। कोरोना काल में आर्थिक गतिविधियाँ लॉकडाउन के वजह से लगभग समाप्त हो गई थीं। रियल स्टेट व्यवसाय पर भी इससे विपरीत प्रभाव पड़ा था। 

लोगों की वित्तीय क्षमताएं सीमित हो जाने के कारण संपत्तियों का क्रय-विक्रय भी प्रभावित हुआ है। अब यह आवश्यक हो गया है कि आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ें और रियल स्टेट क्षेत्र में भी कैसे बूम आए, इसकी चिंता करनी होगी। इसके लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। इसी को दृष्टिगत रखते हुए नगरीय क्षेत्रों में प्रापर्टी की खरीदी ब्रिकी पर स्टाम्प ड्यूटी में 2 प्रतिशत की छूट सेस में मिलेगी। अभी यह छूट 31 दिसम्बर 2020 तक लागू रहेगी। 

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विश्वास व्यक्त किया कि इस निर्णय से लोग अपना मकान आसानी खरीद सकेंगे, कारोबार में तेजी आएगी और रियल स्टेट में कामकाज को गति मिलेगी। इसी सिलसिले में अन्य आवश्यक कदम भी उठाए जाएंगे।

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